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गजल
"हम अपन गजलक माध्यम सँ हताश आ निराश जन-जीवन मे नव प्राण फुँकबाक प्रयास करैत छी। जँ शब्द सँ ओ महत्वपूर्ण आ अवश्यम्भावी क्रान्ति भ...
emithila -
मई 15, 2020
साँझ भरल, दीप जरल न आएल बोनिहार हमर
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मई 15, 2020
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पाछू जँ नहि अंक तँ एसगर सुन्ना की ?
|| कमल मोहन चुन्नू केर किछु गजल || १). सदिखन सजल-साजल रही, वन हरित फूल अमार सन हँसिते रहू एहिना सदति, टटका हवाक दुलार सन। अछि ...
emithila -
अप्रैल 05, 2020
पाछू जँ नहि अंक तँ एसगर सुन्ना की ?
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अप्रैल 05, 2020
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नवलश्री पंकज'क किछु गजल
नवलश्री पंकज नवलश्री "पंकज" मैथिली गजलक एकटा जानल-मानल नाम छथि. ई एकटा एहन समय मे अपन बात कहबाक माध्यमक रूप मे गजल कें ...
बालमुकुन्द -
अगस्त 09, 2016
नवलश्री पंकज'क किछु गजल
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अगस्त 09, 2016
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रूबी झा केर किछु गजल
लोक चाहे जे कहथि मुदा विदेह आ अनचिन्हार आखर 'क प्रादुभावक उपरांत मैथिली साहित्य लेल एकटा बात बहुते हितकर रहलैक जे एहि मादे बहुते रास ...
बालमुकुन्द -
अगस्त 17, 2015
रूबी झा केर किछु गजल
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अगस्त 17, 2015
Rating: 5
किछु गजल
ई-मिथिला पर आइ पढ़ू, हमर किछु गजल - बाल मुकुंद पाठक. =================================================== (1). छै सगरो अन्हार ,किछु नै ...
बालमुकुन्द -
जुलाई 01, 2015
किछु गजल
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जुलाई 01, 2015
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'आनक नै किछु, अपने काजक दोष छल'
राजीव रंजन मिश्रक छओ टा गजल :: 1). कहियो रौदी तँ कहियो तुफान मारि गेल किछुओ बाँचल तँ धसना धँसान मारि गेल छोड़ल फज्जैत नै...
बालमुकुन्द -
अप्रैल 27, 2015
'आनक नै किछु, अपने काजक दोष छल'
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अप्रैल 27, 2015
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