ई-मिथिला भाषा, साहित्य एवं अन्य कलाक प्रति समर्पित मैथिलीक सुपरिचित वेब-पत्रिका थिक। अंतर्जाल पर स्तरीय, वैचारिक, सुरुचिपूर्ण आ एकटा विश्वसनीय पत्रिकाक खगता कें अकानैत जनवरी, 2015 मे 'ई-मिथिला'क प्रकाशनक काज आरम्भ भेल आ तकर बाद सँ एकर प्रकाशन एखनधरि नियमित आ अनवरत अछि। एहि वेब-पत्रिकाक स्थापनाक मूल मे एकटा एहन स्थानक सृजन करब थिक— जतय रचनाक मात्र रचनाक दृष्टि सँ देखल जयबाक आग्रह अछि। मैथिलीक क्लासिकल साहित्य सँ साहित्य-संसार मे कनोजरि दैत रचनाकार सभ कें एक मंच पर दृश्य मे आनब एकर स्थापनाक ध्येय अछि। आजुक एहि समय मे, जतय अभिव्यक्तिक स्वतंत्रता सँ ल' क' लोकक मूलभूत अधिकार धरि पर अनेकानेक तरहक पहरा अछि, एहि अकलबेरा मे अहाँक बात आ विचार कें सहेजब आ तकरा मैथिलीक विस्तृत, पाठकवर्ग धरि पहुँचायब ई-मिथिलाक प्राथमिकता मे अछि। सीमित संसाधन आ एकटा अत्यंत छोट टीमक संग क्रियाशील एहि उपक्रमक सफलता आ सुदीर्घताक लेल अहाँ सभक निरंतर सहयोगक अपेक्षा अछि। संग जुड़ल रही, नियमित पढ़ी आ अपन मित्रलोकनिक मध्य साझा करी।
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Reviewed by emithila
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जुलाई 24, 2019
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समस्त समकालिन साहित्यनुरागी पाठक आ कवि लोकनिक लेल एकगोट उत्कृष्ठ प्लेटफॉर्म ई-मिथिला।
जवाब देंहटाएंहमरा लोकनि एहि निःसन्न डेग लेल,बालमुकुन्द जी आ वीकाश वत्सनाभ जी के प्रति शुभकामना प्रेषित करैत छी
वाह...बहुते नीक!
जवाब देंहटाएंबहुत निक प्रयाश ऐइ, मुदा हमरा आई मालूम चलल अनायासे ट्विटर पर सोझा आयल छल..... बालमुकुंद जी के कुछ कविता पहिनो पढ़ने छी....
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