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गजल
चंदन कुमार झा केर किछु गजल :: 1. नैनक बाण चलाकऽ हम्मर अपटी खेतमे प्राण लेलौं झूठहि छल जे प्रेम-पिहानी से सभटा हम जानि गेलौं ...
बालमुकुन्द -
फ़रवरी 25, 2015
मानवता थकुचल जाइए
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फ़रवरी 25, 2015
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की-की नञि हमरा करेलक ई जिनगी
दीप नारायण 'विद्यार्थी'क किछु गजल :: 1. की-की नञि हमरा करेलक ई जिनगी अंगुरी पर खाली नचेलक ई जिनगी भूख सँ पियास सँ कखन...
बालमुकुन्द -
जनवरी 29, 2015
की-की नञि हमरा करेलक ई जिनगी
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जनवरी 29, 2015
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