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डायरी
नहि जानि धरोहरि कत' हेरायल - अशोक कुमार दत्त
अशोक कुमार दत्तक काव्य-गुण सँ प्रथम परिचय 'पुर्वोत्तर मैथिल' पत्रिका सँ भेल छल. बाद मे अशोक जी 'साहित्यिक चौपड़ि' मे सेहो...
बालमुकुन्द -
अगस्त 04, 2017
नहि जानि धरोहरि कत' हेरायल - अशोक कुमार दत्त
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अगस्त 04, 2017
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सृजनात्मक स्वतंत्रताक किछु पक्ष-विपक्ष
पावेल कुचिंस्कीक चित्र जरूरी बेसी तकर नहि जे किछु लिखल जाय, बेसी जरूरी एकर अछि जे लिखबा सँ पूर्व बहुत रास पढ़ल जाय. साहित्य जगतक ...
बालमुकुन्द -
जुलाई 25, 2017
सृजनात्मक स्वतंत्रताक किछु पक्ष-विपक्ष
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जुलाई 25, 2017
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डीजेक बास पर भम्ह पड़ैत डंफाक थाप
लोकल सँ ग्लोबल होएबाक क्रम मे हमरा लोकनि अपन जड़ि सँ इतर भ' रहल छी। कोढ़ी सँ भकराड़ होइत ई प्रवृति हमरा सभक लोक संस्कृति केँ ठुट्ठ केने...
बालमुकुन्द -
मार्च 13, 2017
डीजेक बास पर भम्ह पड़ैत डंफाक थाप
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मार्च 13, 2017
Rating: 5
हम कोनो संस्थाक सदस्य किएक बनलहुँ
शरदिंदु चौधरी | क्लिक : बालमुकुन्द मैथिलीक वरीय पत्रकार शरदिन्दु चौधरी बहुत पूर्वहि सँ अपन बेबाक लेखन लेल ख्यात छथि. हिनक चारि गोट प...
बालमुकुन्द -
मार्च 01, 2016
हम कोनो संस्थाक सदस्य किएक बनलहुँ
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मार्च 01, 2016
Rating: 5
फगुआ मे नहि ओ रंग रहल आ नहिए ओ उमंग
चित्र साभार: विकिपीडिया होरी शब्द ठोरपर अबिते मोन मे एकटा फराके अनुभूति होइत अछि . होइयो कियैक नहि 'होरी' रंग आ उमंगक पर्व ...
बालमुकुन्द -
मार्च 09, 2015
फगुआ मे नहि ओ रंग रहल आ नहिए ओ उमंग
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मार्च 09, 2015
Rating: 5
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