किछु कविता : गिएविक अनुवाद एवं प्रस्तुति : नारायणजी
ई–मिथिला -
जुलाई 26, 2025
कुर्सी कोनो अपराध नहि थिक
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जुलाई 26, 2025
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अपन धरती पर लिखैत रहब कविता
|| कर्ण संजयक किछु कविता ||
ई–मिथिला -
मई 17, 2025
अपन धरती पर लिखैत रहब कविता
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मई 17, 2025
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हमर संगी जे हमर विचार अछि
अग्निजीवी पीढ़ीक प्रतिनिधि कवि व पत्रकार अग्निपुष्प सत्तरि-अस्सीक दशक मे विमर्शकक रूप मे बेस चर्चित रहलाह। मूल रूप सँ दरभंगाक तरौनी गाम निवा...
ई–मिथिला -
मई 05, 2025
हमर संगी जे हमर विचार अछि
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मई 05, 2025
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धीरेन्द्र प्रेमर्षिक किछु गीत
धीरेन्द्र प्रेमर्षि मैथिलीक लब्धप्रतिष्ठ गीतकार छथि। प्रेमर्षि अपन गीत मे जतबा प्रयोगधर्मी छथि ततबा संस्कृतिनिष्ठ सेहो। सांस्कृतिक संक्रमणक...
ई–मिथिला -
मई 03, 2025
धीरेन्द्र प्रेमर्षिक किछु गीत
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मई 03, 2025
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लोकतंत्रक लोक, तंत्रसँ अछि तंग
|| अम्बिकेश कुमार मिश्रक दस गोट कविता ||
ई–मिथिला -
जनवरी 25, 2025
लोकतंत्रक लोक, तंत्रसँ अछि तंग
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जनवरी 25, 2025
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