गुफरान जीलानीक किछु कविता :: 1). लाल ओसक बुन्न देश बदलि रहल अछि दिन-प्रतिदिन असहिष्णुता बढ़ि रहल अछि लव-जिहाद घर वापसी भ' र...
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जनवरी 11, 2020
नहि गाबैत अछि कियो 'मर्सिया'
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जनवरी 11, 2020
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दाँतक गऽह मे एगो भाषा
रवि भूषण पाठकक किछु कविता :: 1). ब्रह्मराक्षसक खतिआन गंगा कात आ बागमती कात मे गारल पितामह लोकनिक आनंदे अलग अखारक झीसी, साओन भाद...
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जनवरी 05, 2020
दाँतक गऽह मे एगो भाषा
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जनवरी 05, 2020
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प्रत्येक डेग एकटा संभावना थिक
मैथिल प्रशान्तक किछु कविता :: 1). अलहनि पूसक राति धरतीपर पसरल ई अलहनि पूसक राति अकासक सितलपाटीपर भकुअएल बैसल चान ...
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जनवरी 03, 2020
प्रत्येक डेग एकटा संभावना थिक
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जनवरी 03, 2020
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अपनहि लिखल भ' गेल अछि अपठनीय
अनुराग मिश्रक किछु कविता :: अनुराग मिश्र मैथिली कविताक नव्यतम पीढ़ी सँ संबद्ध कवि छथि । अनुरागक किछुए कविता एखन प्रकाश मे अएलनि अछि...
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जनवरी 02, 2020
अपनहि लिखल भ' गेल अछि अपठनीय
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जनवरी 02, 2020
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