टीवी आ सिनेमा माध्यमे महाकवि विद्यापतिक उपस्थिति


टीवी आ सिनेमा माध्यमे महाकवि विद्यापतिक उपस्थिति

— किसलय कृष्ण
                        
आइ भने विद्यापतिक नाम पर अगबे पर्व, समारोह आदिक पसार देश विदेश धरि भ' गेल हो मुदा हुनक सृजन आ जीवन पक्ष पर निस्सन काजक घोर अभाव अछि। उत्सवधर्मी मैथिल समाज लेल महाकवि गीत-संगीत, सम्मान आ भाषण लेल मात्र एकटा बहन्ना बनि कए रहि गेल छथि। अइ डिजिटल युग मे एकटा डाक्यूमेंट्री धरि नहि बनि सकल अछि हुनक जीवन दर्शन केँ बुझबा-गुनबाक लेल, जखन कि बंगलाक रवीन्द्रनाथ टैगोर, असमियाक शंकरदेव आदि पर केन्द्रित अनेको सार्थक वृतचित्र अहाँ केँ भेटि जायत। वस्तुत: एकरा समारोही मैथिल संस्था सभक दृष्टिक अभावे टा कहल जा सकैत अछि जे मनबैत छथि लाखों खर्च क' कए विद्यापति पर्व मुदा कविता, साहित्य आदि सँ आयोजन केँ दूरे रखबाक प्रयास करैत छथि। जे से...

             आब अबैत छी मूल बिन्दु पर। एहन नहि छैक जे विद्यापतिक सृजनात्मक आ जीवन पक्ष केँ उजागर करबा लेल सिनेमा आ टेलीविजन क्षेत्र मे काज एकदम्म नहि भेल अछि। हाँ, तखन अधिकांश काज करबा लेल गैर मैथिल लोक आगू अयलाह अछि। भारतीय सिनेमाक आरम्भिके समय मे विद्यापति नाम सँ हिन्दी फिल्म बनल। 1931 मे प्रसिद्ध निर्देशक देवकी बोस अपन कम्पनी न्यू थियेटरक बैनर त'र एक्कहि संग हिन्दी आ बंगला मे विद्यापति नाम सँ फिल्मक निर्माण आ प्रदर्शन कयलन्हि। फिल्मक पटकथा प्रसिद्ध साहित्यकार काजी नजरूल इस्लाम आ संगीत रायचन्द बोरालक छल। एहि फिल्म मे विद्यापतिक भूमिका पहाड़ी सान्याल कएने छलाह आ हुनक पत्नीक चरित्र केँ जीवन्त कयने छलीह कानन देवी। प्रसिद्ध अभिनेता पृथ्वीराज कपूर राजा शिव सिंह तँ छाया देवी बनल छलीह रानी लखिमा। एकर अतिरिक्त के एन सिंह, लीला देसाई, के सी डे, केदार शर्मा आदि मुख्य भूमिका मे छलाह आ एहि तरहें पहिल बेर मैथिल कवि कोकिल रजतपटलक माध्यमे सम्पूर्ण भारत मे पहुँचलाह। अपन निर्माणयात्राक छठम साल 1937 मे विद्यापति फिल्म प्रदर्शित आ प्रशंसित भेल।



प्रायः तीन दशकक बाद दरभंगावासी निर्देशक प्रह्लाद शर्मा एक बेर फेर सँ महाकवि केँ सिनेमाक परदा धरि अनबा मे सफल भेलाह। भाषा एहू बेर हिन्दिए छल; हाँ, विद्यापति रचित किछु गीत अपन मूल मैथिली स्वरूप मे अवश्य छल। 1964 मे निर्मित एहि फिल्म मे विद्यापतिक चरित्र केँ जीवन्त कयलन्हि अभिनेता भारत भूषण संगहि नायिकाक रूप मे सिमि ग्रेवाल। कँवलजीत सिंह, मुराद आदिक उत्तम कोटिक अभिनय सँ सजल एहि फिल्म मे पहिल बेर मो रफी, लता मंगेशकरक स्वर मे विद्यापति रचित मैथिली गीत- माधव की कहू सुन्दरी रूपे आ सुनू सुनू रसिया आदि गूँजल। जकर मिठास एखनहुँ मैथिली संगीत लेल एकटा अनमोल निधि बनल अछि।

               हिन्दी मे भेल ई दूइ टा महत्वपूर्ण काजक उपरान्तो मैथिली जगत मे महाकविक प्रति उदासीनते रहल। ओम्हर बंगला मे सेहो विद्यापति फिल्म प्रदर्शित भ' चुकल छल। एम्हर मैथिली मे ममता गाबय गीत, कन्यादान सेहो जेना-तेना परदा धरि पहुँचल छल। 80क दशक मे आबि कए कुमुदिनी चक्रवर्ती नामक एक मैथिल कन्या विद्यापति पर केन्द्रित डाक्यूमेंट्रीक निर्माण कयलीह। 'अतीत के स्वर : विद्यापति' नामक ई वृत चित्र द्वैभाषिक (मैथिली-हिन्दी) छल।
एहि दशकक उतरार्ध मे सरकारक सूचना जन सम्पर्क विभाग द्वारा विद्यापति केन्द्रित एकटा विडिओ फिल्म सेहो बनल आ तकरा मिथिला क्षेत्रक मेला सभ मे प्रदर्शित कयल गेल।

                     एकर उपरान्त एकटा महत्वपूर्ण काज नेपाल मे भेल, नेपाल टेलीविजन सँ धारावाहिक रूपेँ महाकवि विद्यापति टेलीसिरियलक प्रसारण। निर्माता अशोक चौधरी आ निर्देशक अरूण कुमार झाक एहि धारावाहिक मे सूत्रधारक भूमिका मे छलाह प्रसिद्ध साहित्यकार आ संस्कृतिकर्मी धीरेन्द्र प्रेमर्षि जे कथासूत्र केँ आगू बढ़बैत छलाह। एहि महत्वपूर्ण धारावाहिक मे शैलैन्द्र शुक्ल, कविता शर्मा, शैलेन्द्र गिरी आदि मुख्य भूमिका मे छलाह। निखिल राजेन्द्रक संगीत मे गुरूदेव कामत, आभास लाभ आदिक विद्यापति गीत गायन अद्भुत छल। एहि सिरियलक कैक बेर पुनर्प्रसारण सेहो भेल आ गाम-घर मे रहय वला लोक धरि महाकविक जीवनपक्ष किछुए सही मुदा पहुँचि सकल।

किसलय कृष्ण

समय आगू बढ़ैत गेल, एहि मध्य मगध क्षेत्रक एकटा नवोदित निर्देशक कोनो काजवश दरभंगा आयल छलाह आ विद्यापतिक संदर्भ सुनि हुनक जीवन पर फिल्म बनेबाक निर्णय कयलन्हि, सेहो मैथिली मे। मूल रूप सँ औरंगाबादक रहनिहार एहि युवा निर्देशक संतोष बादलक परिचिति ताधरि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सन सिरियलक एपिसोड डायरेक्टरक रूप मे भ' गेल छलनि आ तेँ विद्यापति पर मैथिली फिल्म बनयबाक प्रक्रिया मे निर्माता सहज रूपें भेट गेलनि। मुंगेरक रहनिहार आ गुजरात मे पेट्रोल व्यवसायी संजय राय निर्माता बनि आगू अयलाह आ विद्यापति पर केन्द्रित मैथिली फिल्म 'कखन हरब दु:ख मोर' बनि कए प्रदर्शित भेल। ओना ई फिल्म विद्यापतिक समग्रता पर केन्द्रित नहि, सरसकवि ईशनाथ झाक लोकप्रिय नाटक 'उगना'क फिल्मी संस्करण मात्र थिक। तैयौ एहि फिल्म केँ अपार लोकप्रियता भेटलैक।  एतय ई मोन पाड़ि दी जे ई सफलता सिनेमाघर मे नहि...टाकिज सभ मे एकर प्रदर्शन असफल रहल मुदा टी सिरीज सँ वीसीडी रिलीज होइते छुहुक्का उड़य लागल आ सीडी बिकेबाक सभ भाषाक रेकार्ड् तोड़ि देलक 'कखन हरब दु:ख मोर'। एहि फिल्म मे फूल सिंह, ममता राजे, अवधेश मिश्रा, दिपक सिन्हा आदि मुख्य कलाकार छलाह। उत्कृष्ट संगीत लेल ई फिल्म सेहो चर्चित रहल। ज्ञानेश्वर दूबे आ सुरेश आनन्दक संगीत मे उदित नारायण, साधना सरगम, ज्ञानेश्वर दूबे आदिक सुन्दर गायन सँ युक्त ई फिल्म एकटा मीलक पाथर सिद्ध भेल।

                 मुदा महाकवि विद्यापति सन विराट व्यक्त्वि पर एखनहु बहुत काज शेष अछि, हुनक सम्पूर्ण जीवन प्रसंग पर फिल्मक संग डाक्यूमेंट्रीक निर्माणक बेगरता अछि, डिजिटल संसार मे तकैत एहि चीजक बेस खगताक अनुभव होइत अछि। तेँ ई आवश्यक अछि जे एहि बिन्दु सभ पर काज होमय जाहि सँ आबय वला पीढ़ी केँ सहजता पूर्वक जानकारी भेटि सकैन्ह आ ओ लोकनि महाकवि केँ आत्मसात कए सकथि।

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किसलय कृष्ण (13 दिसम्बर 1979) मैथिलीक चर्चित गीतकार-उद्घोषक आ फ़िल्म-समीक्षक छथि। विगत कइएक बर्ख सँ किसलय जी मैथिली साहित्य, रंगमंच, सिनेमा, मंच उद्घोषणा आदि-आदि क्षेत्र मे अपन सक्रियता एवं विशिष्टता सँ पाठक/ दर्शक/ श्रोता लोकनिक मध्य अपन विशिष्ट पहिचान स्थापित करबा मे सफल रहलनि अछि। 'मैथिली सिनेमाक इतिहास' शीर्षक सँ मैथिली सिनेमा केन्द्रित हिनक पोथी शीघ्र प्रकाश्य अछि, जे कि उक्त विषय पर अपना तरहक प्रायः पहिलुक पोथी होएत। एकर अतिरिक्त एकटा गीत-सँग्रह 'शेष अंतिम पृष्ठपर' प्रकाशनक बाट मे छनि। हिनका सँ Kislaycreations@gmail.com पर सम्पर्क कएल जा सकैत अछि।

टीवी आ सिनेमा माध्यमे महाकवि विद्यापतिक उपस्थिति टीवी आ सिनेमा माध्यमे महाकवि विद्यापतिक उपस्थिति Reviewed by emithila on जून 13, 2020 Rating: 5

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