रुसी कवि मैक्सिम टैंक, जिनक वास्तविक नाम एवजेनि स्कुरको छलनि, क जन्म 1912 ई० मे भेल छलनि। हुनक बाल्यावस्था गाय चरबैत तथा युवावस्था रुसी क्रांतिक लेल संघर्ष करैत बितलिन। हिनक पहिल कविता-संग्रह 1936 मे प्रकाशित होइते जप्त क' लेल गेल। 1978 मे हिनका लेनिन पुरस्कार सँ सम्मानित कयल गेलनि। हिनक प्रमुख कविता- संग्रह छनि - 'हमर प्रतिदिनक आहार', पानिक एक घोंट', 'पृथ्वी संग पत्राचार' आदि। टैंकक मतेँ कविता केँ निश्चित रूप सँ किछु न'व उद्-घाटित करक चाही, अन्यथा ओ कविता नहि रहि जाइछ। प्रस्तुत कविता 'सोवियत लिटरेचर' के जनवरी'79क अंक सँ कुणाल द्वारा अनूदित अछि।
कविता : असमर्थता
अहाँ हाक देब
तँ भ' सकैए हम तत्क्षण उतारा नै दी
से कृपया तमसाएब नै हमरा पर
एना होइ छै जे
बेसी काल
हमरा कान्ह पर
थाकल चीड़इ- चुनमुन्नी विश्राम कर' लगैए
आ हम
ओकरा सबके बाधा नै देब' चाहै छी।
एना होइ छै जे
बेसी काल
हमरा आँखिक सोझाँ
ठाढ़ भ' जाइ छथि मृत बंधुगण
आ हम
हुनका सबहक संग गप्प करबा मे व्यस्त भ' जाइ छी।
एना होइ छै जे
बेसी काल
हमर ठोर स्पंदनहीन भ' जाइए
एकटा दीर्घ प्रतीक्षित गीतक लेल
आतुर भेल हम बौक भ' जाइ छी
अहाँक
हाकक उतारा देबा मे
साफे असमर्थ।
प्रस्तुत अनुवाद आ प्रस्तुति एतए आरम्भ (सं. राजमोहन झा) सँ साभार प्रस्तुत अछि। कुणाल मैथिलीक समादृत कवि, अनुवादक आ रंग-निर्देशक छथि। 'मिताक नाम' शीर्षक सँ हिनक एक काव्य-संकलन, नाटक - गोनू झा, कुसुमा सलहेस, बिदापत, फुलबा कटोरबा, डर व पाँच प्रश्न (सहयोगी नाटककार- कुमार गगन) एवं धूर्तसमागम, रुक्मणिहरण, सीतायण, टटकाल दर्शन, लोढ़ानाथ, लोटकायण, भग्न स्तूपक एकटा अक्षर स्तम्भ आदि नाटकक प्रस्तुतिलेेेख आ किछु रेडियो नाटक, पटकथा, गीत, फ़िल्म, tv सीरियल, डाक्युमेंट्री, एक दर्जन करीब चैम्बर ड्रामा, अनेको नाट्य विषयक निबंध सेहो प्रकाशित-प्रशंशित छनि। हिनका सँ snjha.kunal@gmail.com पर सम्पर्क सम्भव अछि।
असमर्थता
Reviewed by emithila
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अगस्त 11, 2019
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