विद्रोही : एकटा किंवन्दति। हिंदी कविताक एकटा एहन फक्कड़ कवि जे सत्ता प्रतिष्ठानक आँखि सँ आँखि मिला जीवन पर्यंत संवाद करैत रहल। एकटा एहन...
emithila -
दिसंबर 08, 2019
कविता आ लाठी
Reviewed by emithila
on
दिसंबर 08, 2019
Rating:
तिरोहित होइत स्त्रीत्व
प्रियंका मिश्रा केर किछु कविता :: 1). असौकर्य अहाँके असौकर्य अछि आइ हमरा मुँह सँ निकसल छोट सन शब्द सँ मुदा हमरा तँ कनियो ...
emithila -
दिसंबर 05, 2019
तिरोहित होइत स्त्रीत्व
Reviewed by emithila
on
दिसंबर 05, 2019
Rating: 5
'जँ अहाँ देखि सकितहुँ'
प्रवीण झाक किछु कविता :: 1). जँ अहाँ देखि सकितहुँ हे! जँ अहाँ देखि सकितहुँ हमर आँखि मे, बाढ़ि मे दहाइत नेन्नाक पीड़ा; त...
emithila -
नवंबर 16, 2019
'जँ अहाँ देखि सकितहुँ'
Reviewed by emithila
on
नवंबर 16, 2019
Rating: 5
अनेरो ताकि रहलहुँ अछि संवेदना
|| सुशान्त झा 'अवलोकित'क किछु कविता || 1). संवेदना अनेरो ताकि रहलहुँ अछि संवेदना... स्मार्टफोन मे मुड़ी गोतने आइडेंटिटी...
emithila -
नवंबर 12, 2019
अनेरो ताकि रहलहुँ अछि संवेदना
Reviewed by emithila
on
नवंबर 12, 2019
Rating: 5
सदस्यता लें
संदेश
(
Atom
)