युवा कवि
गुंजनश्री ओना तँ गीत-गजल-कविता सभ विधामे लिखैत रहैत छथि किंतु
पछिला किछु समयसँ गुंजन जी मैथिलीक लेल एकदम नव ओ लोक काव्य केर चर्चित
विधा 'कहमुकरी' पर निरंतर काज क' रहल छथि, जे कि बेस प्रभावित केलक अछि. प्रेम
पर केन्द्रित किछु कहमुकरीक उपरांत आइ हुनक किछु राजनीति केन्द्रित
कहमुकरी देल जा रहल अछि. बिहार विधानसभा चुनावकेँ नजदीक देखैत गुंजनजी केर ई
कहमुकरी सभ शासन प्रणाली पर कुठाराधातक संग-संग राजनीतिक यथार्थकेँ
परिभाषित करैत अछि. पढ़िकेँ कहू-
माॅडरेटर.
(1)
साँच-झूठ सब एक रंग छै
बन्हुल्लुक सन लोक करै छै
तीरि लैत छै नेत आ नीति
की सखी सत्ता ?
नै राजनीति।
(2)
पीठ हमर क' खून-खुनामें
कोढ़ के बान्हि भुखक जुन्ना में
पहिरबै छै रिलिफक अंगा
की सखी सत्ता ?
नै भिखमंगा ।
(3)
पहिले करत जनताक वाहवाही
फेर किनत जे ओकरा चाही
तखन उझलतै थोक में नोट
की सखी शासन ?
नै सखी भोट।
(4)
फाँस पड़ल छै सबटा जनता
जानि ने की करतै ई मनसा
कत्त' हेरेलै जनताक संतरी
की सखी नेता ?
नै मुख्यमंत्री।
(5)
भाँग घोरल छै डेग-डेग पर
कोना बढ़बै विकासक पथ पर
कुर्सी लै छै घेंटाजोरी
की सखी राजा ?
नै मुख्यमंत्री।
संपर्क:
गुंजन श्री
ईमेल: gunjansir@gmail.com
मोबाइल: 09386907933
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