अनुराग मिश्रक किछु कविता :: अनुराग मिश्र मैथिली कविताक नव्यतम पीढ़ी सँ संबद्ध कवि छथि । अनुरागक किछुए कविता एखन प्रकाश मे अएलनि अछि...
emithila -
जनवरी 02, 2020
अपनहि लिखल भ' गेल अछि अपठनीय
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जनवरी 02, 2020
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कविता आ लाठी
विद्रोही : एकटा किंवन्दति। हिंदी कविताक एकटा एहन फक्कड़ कवि जे सत्ता प्रतिष्ठानक आँखि सँ आँखि मिला जीवन पर्यंत संवाद करैत रहल। एकटा एहन...
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दिसंबर 08, 2019
कविता आ लाठी
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दिसंबर 08, 2019
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तिरोहित होइत स्त्रीत्व
प्रियंका मिश्रा केर किछु कविता :: 1). असौकर्य अहाँके असौकर्य अछि आइ हमरा मुँह सँ निकसल छोट सन शब्द सँ मुदा हमरा तँ कनियो ...
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दिसंबर 05, 2019
तिरोहित होइत स्त्रीत्व
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दिसंबर 05, 2019
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'जँ अहाँ देखि सकितहुँ'
प्रवीण झाक किछु कविता :: 1). जँ अहाँ देखि सकितहुँ हे! जँ अहाँ देखि सकितहुँ हमर आँखि मे, बाढ़ि मे दहाइत नेन्नाक पीड़ा; त...
emithila -
नवंबर 16, 2019
'जँ अहाँ देखि सकितहुँ'
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नवंबर 16, 2019
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